लेखनी प्रतियोगिता -19-May-2022 हे मेरे प्रभु! अब दिखा मुझको रास्ता
रचयिता-प्रियंका भूतड़ा
शीर्षक- हे मेरे प्रभु! मुझको दिखा अब रास्ता(भजन)
हे मेरे प्रभु.....
मुझको दिखा अब रास्ता
हो गया है मेरी कश्ती से फासला
बता दे मुझको, कहां है मेरी..... कश्ती
ढूंढ रहा हूं ,इस भंवर में-२
नहीं मिलती मुझको मेरी कश्ती
हे मेरे प्रभु.....
मुझको दिखा अब रास्ता
ढूंढ रहा हूं हर किनारे-२
नही मिलती मुझे को मेरी कश्ती
हे मेरे प्रभु.....
मुझे दिखा अब रास्ता
आया था तूफान ऐसा
ले गया मेरी कश्ती ....
लुट गई मेरी बस्ती....
बता दे मुझको..... कौन था वो मुसाफिर
हे मेरे प्रभु...
मुझको दिखा अब रास्ता
पूछा मैंने सागर से
देखी क्या मेरी कश्ती
सागर ने बताया मुझको
बहा कर ले गया मेरे अनमोल मोती
लड़ रहा हूं बवंडर से
नहीं देखी तेरी कश्ती
हे मेरे प्रभु....
मुझको दिखा अब रास्ता
पूछा मैंने मछुआरे से
देखी क्या मेरी कश्ती
मछुआरे ने बोला मुझको
ओ मेरे भाई ,हमने भी खोया अपनों को
उलझ कर रह गये तूफानों से
नहीं देखी तेरी कश्ती
छूट गई मेरी कश्ती
किस किस से पूछूं मैं
हे मेरे प्रभु....
जीवन नैया का तू खेवैया
अब संभाल मुझको
कभी ना टूटे ह्रदय किसी का
ऐसे मुख से बोलो रे
हे मेरे प्रभु
मेरा दामन छुड़ा कर चली गई कश्ती
अब सागर के सिवा कोई नहीं मेरी बस्ती
मेरे दामन सितारे बिछाये रखना
अब मेरी किस्मत में पत्थर के सिवा कुछ नहीं
तेरा साथ बनाए रखना
हे मेरे प्रभु.....
मुझको दिखा अब रास्ता
हो गया है मेरी कश्ती से फासला
Seema Priyadarshini sahay
21-May-2022 04:00 PM
बहुत खूबसूरत
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Neelam josi
21-May-2022 03:32 PM
Very nice 👌
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Fareha Sameen
20-May-2022 09:07 PM
Nice
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